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अनेकता में एकता

अनेकता में एकता

अनेकता में एकता …… संस्कृति हमारी
सद्भावना के दीप जलाना सबकी जिम्मेदारी
गणतंत्र दिवस पर आओ हम सब ले शपथ
मौलिक अधिकारों के संग संग कर्तव्य पथ
देशभक्ति रथ पर तिरंगा लहराता रहेगा सदा
सिखाती भारतीयता निभाओ इंसानियत वफा

 

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दर्द तेरा शुकराना

दर्द तेरा शुकराना

दर्द ने सिखाई दुनियादारी
दर्द के आगे हारी लाचारी
दर्द बड़ा जब इंतिहा से आगे
लगा करेगा मदद खुदा हमारी
दर्द ने खुदा को यार बनाया
खुदा का नूर ए दरबार दिखाया
रोज सुनाते यार को पीड़ा
यारब ने भी उठा लिया बीड़ा
दर्द से निजात दिला कर रहूंगा
खुद से तुझको मिला कर रहूंगा
खुदा से मिलना जब से सीखा
एक पल भी दर्द ना ना चीखा
हर लम्हा रूह अरे शुकराना
खुदा से मिलकर खुद को जाना

 

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चैट

बेहद खुशी

बेहद खुशी

पाया है जो मैंने ,तुम भी उसे पाओ

मुस्कुरा रही हूं जैसे तुम भी मुस्कुराओ

कैसे करूं …कैसे करूं बयां ?

खुशी की चरम सीमा , खुशी के चरम सीमा

रूहे किस्से सुना .रूहानियत अपना

शांति की रिमझिम से प्यासे मन हर्षा

प्यार से अछूता रहे ना कोई मन तन्हा

दुआओं की होती है हर मन को चाह

आओ करें कुछ ऐसा कुछ

खुदा करे वाह !खुदा कहे वाह !

 
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Posted by on अक्टूबर 8, 2022 में poetry

 

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स्थति

दोहे माला मनका

दोहे माला मनका

Gaon ka Sarpanch mein

Ghar mein rahe Kalesh

banchu Din Raat Satsang

mun mein Bhara dvesh

 
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Posted by on जुलाई 31, 2022 में poetry

 

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Fight against Corona

Fight against Corona
Bhaag ja CORONA
 
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Posted by on अप्रैल 3, 2020 में poetry

 

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Likhna Bha Gaya . . . .

It is my personal poem. It gives an insight of my journey of “kalam aur mai”.

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Posted by on जून 16, 2012 में poetry

 

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रूहरूहान

रूहरूहान

क्या कहना उस वेले का

यारब से रूहानी मेले का

यह किस्सा नहीं गुरु चेले का

खामोश लब पर मोन बोला

जमीन पर रह आसमा वाले से गुफ्तगू

इसी लम्हे की तो थी कब से जुस्तजू

 
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Posted by on मार्च 27, 2023 में poetry

 

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कविता लिखती मुझे @ World Poetry Day

कविता लिखती मुझे @ World Poetry Day

किसी का प्यार ..किसी की वफा ..किसी की जफा ..किसी की नफरत ..किसी की भक्ति ..किसी की दुआ… किसी की स्थिति… किसी की दुर्दशा …कभी रितु का आना कभी जाना.जीवन मृत्यु ..संस्कृति सभ्यता ..तीज त्योहार …कभी खेल .कभी मेल ..कभी व्यापार कभी दुर्व्यवहार …कभी नारी शक्ति कभी नारी शोषण ..मजबूरियां दुश्वारियां ,दुर्गति ,सद्गति ईश्वर ,भगत राम, रहीम सब खुद ब खुद आ जाते अल्फ़ाज़ों में … अल्फाजों से पंक्ति ..पंक्ति से पहरा ..पह पहरे से कविता ..कविता में हम ..ऐसे ही बन जाते हैं गीत .गजल .भजन गीत . शेरो शायरी ..दोहे ……… ना जाने क्या-क्या तभी तो कहती हूं मैं कविता नही…. कविता मुझे लिखती है





 
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Posted by on मार्च 22, 2023 में poetry

 

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भीगी मुस्काने

भीगी मुस्काने

भीगी भीगी आंखों संग जब मुस्कुराना पड़ता है
खुदा कसम खुद को बहुत मनाना पड़ता है
जो होते हैं अपने , पढ़ लेते हैं तभी आंखों को
उदासियों पर खुशियों का नकाब चढ़ाना पड़ता है
कई बार नकली को असली , झूठ को सच
जिंदगी को जमाने के हिसाब से चलाना पड़ता है





 
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Posted by on मार्च 11, 2023 में poetry

 

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Farewell song

Originally posted on HindiPoetryWorld.wordpress.com: Posted from WordPress for Android

Farewell song
 
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Posted by on मार्च 9, 2023 में poetry

 

छू ले आसमा @ Happy Women’s Day

छू ले आसमा @  Happy Women’s Day

नारी सशक्तिकरण के चाहे ना लगाओ नारे

हर जतन, हर वचन और क्षेत्र

सुख – दुख संघर्ष , कर्म में

आगे बढ़ती नारी की बस टांग ना खींचो

कर जमाने हर्षनाद – शंखनाद

प्रेरणा भरो , ना अखियां भीचो

नर नारी में लकीर न खींचो

आन शान मान की देख चकाचौंध

गरिमा – ताकत महिमा पांव तले ना रोंध

नारी शक्ति तू विश्वरूपम गर्विता

स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन

ममता क्षमता को तू लेकर

संस्कार समंदर में तू बहकर

जमी पर तू पांव जमा कर

परंपराओं का अंधकार हटाकर

चंदा सूरज हाथ में सजाकर

हर दिशा हरमन कर रोशन

जमाना भूले नारी शोषण

एक ही नारा – नारी पोषण

 

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भा गई होली

भा गई  होली

होलिका दहन में जला शिकवे

मन में उमंग , हर लम्हा होली

मीठी लगती है कोयल की बोली

भिगोता हमदम जब गोरी की चोली

थोड़ा गुलाल थोड़ी सी भांग

थोड़ा गाना …थोड़ा बजाना

थोड़ी थोड़ी …हंसी ठिठोली

ढोल बजाती यारों की टोली

भुला के शिकवे यारों से बोली

आ गई होली …भा गई होली

रूठे यार मना गई …रे होली

छा गई होली . .हंसा गई होली







		
 
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Posted by on मार्च 7, 2023 में poetry

 

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तेरे सदके

तेरे दर पर ना आता तो रहता भरमाता

तेरे सदके ही उठ सका

मैं ,मेरी कलम , मेरा हौसला

वरना तूफान तो इतना तेज था

टूट जाता मैं

टूट जाता मेरा घोंसला







		
 
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Posted by on फ़रवरी 27, 2023 में poetry

 

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दुआओं की कीमत

दुआओं की कीमत

दुआओं की कीमत लगाने चला था

हीरे मोती के बदले पाने चला था

लुटा के खजाने भी दुआएं मिली ना

बोली लगाने पर भी दाल गली ना

किसी भले मानस में आकर बताया

दुआओं का मतलब मुझे समझाया

बोते जैसे बीज हम ..वैसा ही फल मिलता

शुभ कर्मन से दुआओं का फूल खिलता

(कर भला हो भला )सबक यही मिलता

शुभ कर्मन में देरी हमारी मनमानी है

सांसो का भरोसा क्या ? सांसे बेगानी है…





 
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Posted by on फ़रवरी 27, 2023 में poetry

 

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नारी का नारी से सवाल है

बेटे की पत्नी बहू है अभी.. दामाद की पत्नी ही बेटी है

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ… जाने क्यों दुनिया कहती है 😕

जब बेटी समझना है नहीं तो बेटी बेटी क्यों करें ?

सब हक बेटी के लिए है बहू के लिए बस कर्तव्य है

कहते हैं हम शिक्षित हैं.. आजाद सोच के मालिक हैं

कथनी कुछ और है करनी है कुछ और

अपनी बेटी लगे पाकीज बड़ी

लगे बहू बेहया बदतमीज बड़ी

ऐसे नीच जज्बात …बड़ी शर्मनाक बात

ढोल शूद्र और नारी ..आज भी ताड़न के अधिकारी

बेटी के मर्द साथी मित्र हैं

बहू के हो तो गंदा उसका चरित्र है

ऊंचे ऊंचे पदों पर बैठी है

हर बहू किसी की बेटी है

संस्कृति – संस्कार के दलालों से

चरित्र पर उंगली उठाने वालों से

मां भारती के तारणहारो से

बेटी की मां का सवाल है ?

मेरी बेटी पर क्यों बवाल है

 
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Posted by on फ़रवरी 22, 2023 में poetry

 

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उद्धरण

अच्छा सच्चा होना बहुत अच्छा होता है
आत्मसम्मान को खोना होता पर बुरा
मर्जी आपकी …जिंदगी आपकी ..

मर्जी आपकी …जिंदगी आपकी ..

 
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Posted by on फ़रवरी 10, 2023 में poetry

 

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आप की कीमत बस आप ही जानते हैं… खुद का मूल्यांकन खुद करिए… तभी दुनिया मूल्य देगी..



		
 
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Posted by on फ़रवरी 10, 2023 में poetry

 

खामोशी

खामोशी

खामोशी कोई गुनाह तो नहीं , सब्र का ही साथी है

खामोशी कोई कमजोरी नहीं , मौन का पर्यायवाची है

खामोशी शांति और प्रेम की चाह रखती है

दर्द देने वालों के लिए भी दुआ रखती है

खामोश को भी दर्द होता है

खामोश अंदर अंदर रोता है

बस आंखों को पढ़ना आना चाहिए

आंखों के आसमान पर बिठाना चाहिए

लब सीना मायने जहर पीना , मर मर के जीना

दर्द के दरिया से निकाल संभाल कर

जहर ♡ अमृत में बदलना सबके बस की बात नहीं

वह इंसान क्या ? जिसमें रूहानी जज्बात नहीं

खामोश निगाहें – लब बोलते हैं

यह तो है सितमगर का हुनर व सलीका

कितना सुनते < कितनी चुप्पी9 तोलते हैं >





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Posted by on फ़रवरी 8, 2023 में # MeeToo

 

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ऐ ! दिल सब्र रख

https://hindipoetryworld.wordpress.com/2023/02/05/%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%af%e0%a4%95%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%97%e0%a5%80-%e0%a4%a4/

 
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Posted by on फ़रवरी 5, 2023 में poetry

 

Promote Your Blog!

Dear Friends—Happy September! This week, I again open up PhoebeMD.com for another Meet & Greet event. I originally started this on PhoebeMD: Medicine + Poetry as a dedicated time for bloggers to come together to share their work, make new connections, and expand their blog audiences. In short: a chance to promote yourself and your […]

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Posted by on फ़रवरी 5, 2023 में poetry

 

ऐ ! दिल सब्र रख

ऐ ! दिल सब्र रख

दर्दे जिगर ! दर्द को न पकड़

ऐ दिल! दुआ को पकड़

दुआ ही तो दर्द की दवा है

दर्द की वजह हमारा बेसब्रापन

इंतजार कर …एतबार कर

हर एक का समय आता है

पतझड़ नहीं रहती है, सदा बसंत भी नहीं

सदा रात भी नहीं रहती , सदा दिन भी नहीं

उस खुदा पर यकीन रख ………..

कहते हैं ना # (भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं )

 
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Posted by on फ़रवरी 5, 2023 में poetry

 

पतझड़ है तो बसंत है

पतझड़ है तो बसंत है

पतझड़ है तो बसंत भी है, जीवन है तो अंत भी है , कभी कभी बहार बन, इंतजार बन कभी विदाई बन , कभी जुदाई बन, दोस्त बन हंसाती रुलाती रहेगी लता दीदी की आवाज की महक …बसंत के मौसम की तरह… पतझड़ में भी खिलती ,खिलाती, महकाती …मन में उतर जाती कुछ ऐसे ही …कभी कली बन ..कभी फूल बन, तुम जाने के बाद भी अपनी आवाज से, अंदाज से, सब के दिलों में राज करोगी ,आप थी, आप हो , आप रहोगी …..मेरे गीत ही मेरी पहचान है … पहचान बनकर , निशान – जुबान बनकर . कभी आंसू बनकर कभी मुस्कान बनकर …..

 
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Posted by on फ़रवरी 2, 2023 में poetry

 

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खुदा कसम☆ खुदा जाने

खुदा कसम☆ खुदा जाने

दुनिया कहती है

यह खुदा कैसा होता है ?

बयां करना मुश्किल

यह तो यह पाकीज* अनुभूति है

खुद को जानोगे तो खुदा को जान लोगे

तेरी ओर बढ़ते कदम

कब मंजिल की ओर ले गए

ना खुद को पता चला

नाही कदमों को

<खुदा कसम > खुदा ही जाने

तेरी रहमत* देख हो रहे है तेरे दीवाने

 
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Posted by on जनवरी 31, 2023 में poetry

 

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VIDAI SHIKSHA….

GRAPHICS BY: http://vasugraphics.wordpress.com/

VIDAI SHIKSHA….
 
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Posted by on नवम्बर 22, 2022 में poetry

 

मां जैसा कोई नहीं

 
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Posted by on नवम्बर 19, 2022 में poetry

 

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Godly Bank

I invested all my efforts in Godly bank …so blessed … it is giving me countless happiness and that too without interest 🙂

My Pan no – Thankfulness

Account no – Blessings @ ALL MIGHTY

OTP – Speechless wonders

 
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Posted by on नवम्बर 17, 2022 में poetry

 

मन रोशन तो तन रोशन

मन रोशन तो तन रोशन

परम प्रकाश से लेकर ज्योति

शुभ संकल्पों का दीपक बनाकर

व्यर्थ संकल्पों को उसमें जलाकर

मन को कर दिया है रोशन रोशन

अब नहीं करती चिंता शोषण

मन रोशन तो तन को पोषण

मन रोशन तो तन भी रोशन

 

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Zarurat kiski

Zarurat kiski

https://hindipoetryworld.wordpress.com/2018/11/24/watch-zarurat-kiskiii-on-youtube/

 
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तेरी बंसी का जादू

तेरी बंसी का जादू

राधा झूमे- नाचे , मचले बार-बार

पिया आया मेरा, श्याम आया है

रूहे धड़कन में सरगम सा समाया है

कहे कान्हा, राधा को दीवाना जमाना मेरा

तूने मुझे अपना हरदम दीवाना बनाया है

राधा बोली , तकदीर पर बेहद नाज है

तू दीवाना मेरा , मैं दीवानी तेरी .

तेरी बंसी का जादू , ओ सांवरे !

खुद ब खुद चली आती हूं मैं

गजब सी कशिश, अजब राज है

 
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Posted by on अगस्त 19, 2022 में poetry

 

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स्थति

कर्मयोगी चिड़िया

कर्मयोगी चिड़िया

भोर होते ही आती चिड़िया

जल्दी-जल्दी दाने खाती चिड़िया

घोसले में अपने दाने रख आती

बारिश आंधी भी रोक न पाते

फर्ज का पाठ परिंदे पढ़ाते

शाम ढले से पहले ……

बाट जोहते बच्चों खातिर

चौगा भोजन लेकर पहुंच जाती

दुलार प्यार, खिलाती सुलाती

ना कोई उम्मीद , ना रखती अपेक्षा

उड़ान सिखा कर आसमां दिखाती

ओ खुदगर्ज़ मानव ! सीख चिड़िया से

कर्म कर , ना फल की इच्छा

गीता ज्ञानी चिड़िया गीता ज्ञान….. गीता की पाती

 

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उद्धरण
मीठी वाणी

शहद को अमृत कहा जाता है जिसकी कोई एक्सपायरी नहीं होती ……शहद जैसे बोल …मीठी बोली …बरसों तक लोगों के दिलों पर राज करती है.. कहते हीरा है सदा के लिए…. ऐसे मीठे बोल भी सदा ही आनंद ..शांति.. प्रेम की मिठास दिलों में घोल ही जाते हैं तो आज आज मीठी सी कसम लेते हैं जब भी बोलेंगे मीठा . अच्छा ..सच्चा बोलेंगे. जब भी कोई मिले तो बस यही बोले चलो आज आज मीठा हो जाए






मीठी वाणी

 
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Posted by on जुलाई 31, 2022 में poetry

 

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नमन ! गुरु देव नमन

नमन ! गुरु देव नमन

परमात्मा है परम गुरु मेरा

परमात्म अनुभूति मेरा गुरु मंत्र

कुदरत की गोद मंदिर मेरा

बजे शंख घंटी हरदम अंदर

गुरु की महिमा गुरु की कृपा

मन मोरा नाचे मस्त कलंदर






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माँ ही रब

माँ ही रब

मां की पूजा तो रब की पूजा से भी बेहतर
मां की दुआ से ही मिलते सफलता के क्षेत्र

 
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Posted by on जून 18, 2022 में # Dhanteras, poetry

 

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वनस्पति Anandam

वनस्पति Anandam

हाय गर्मी.. हाय गर्मी ….शिकायत करने से कुछ नहीं होगा. ..गर्मी को कम करने के इंतजार करने होंगे इसलिए खूब पेड़ लगाए ..खूब ठंडक* छाया *पाइए .. कुदरत की दुआएं तो मिलेंगी बेशक…

 
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Posted by on जून 9, 2022 में poetry

 

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परिंदों से ले वर

परिंदों से ले वर

जंगल में अमंगल है परिंदे बड़ा रोते हैं…

ना पा आशियाना अपना संयम खोते हैं

डर मानव ! तज प्रदूषण के धंधे

कोई सीमा होती है प्रगति की

ना हो ना हो ..इतने पागल अंधे

कुदरत के कहर से कुछ डर

परिंदों से ले कुछ शुभ वर

पर्यावरण दे दुआएं तुझको

बस इतना मानव आगे बढ़

 
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Posted by on जून 5, 2022 में poetry

 

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सांसो का चोर

सांसो का चोर

दिल में कालिख अच्छी नहीं

तंबाकू बीड़ी सच्ची नहीं

उजली सेहत उजला जीवन

भूलके भी ना करो सेवन

 
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Posted by on जून 1, 2022 में poetry

 

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दिल के डॉक्टर होकर दिल की बात नहीं समझते बड़े नादान हो दिल की जुबान ही नहीं समझते एहसास ए मोहब्बत की कभी इनजोग्राफी नहीं होती आंखों को पढ़ना भी सीखिए जनाब ईसीजी की इबारत काफी नहीं होती

 
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Posted by on मई 23, 2022 में poetry

 

दुआएं लो

दुआए लेना ही जरा मुशिकल होता है ।
बददुआऐ बुरे लोगो को खुद शिकंजे में…..

 
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Posted by on मई 16, 2022 में poetry

 
चैट

दर्द दिया दर्द लिया

दर्द दिया दर्द लिया

गुजारे जो हमारे बिन तुमने 2 साल

बार-बार रोता होगा तेरा मन

कांपता होगा तेरा तन , 3 बेटों के होते ?

जिंदगी मजबूर बेबस और बेहाल है

कितना डर लगता होगा , सर्द अंधेरी रातों में

कितनी बददुआएं दी होंगी उन हालातों में

आपकी जिद थी कि हम मनाए

हम सोचे थे , आप खुद ही आ जाएं

बड़ा भारी पड़ा आपको ना मनाना

बच्चों की दादी ( माँ जी ) सासु माँ

जितना दिया था दर्द उससे ज्यादा पाया

स्वर्ग नरक यही , बखूबी समझ आया

दर्द के बदले दर्द ही पाना पड़ता है

वक्त चला गया पछतावे रह गए

रह गई आपकी माला लगी तस्वीर
पर अब पछताए होत क्या

जब चिड़िया चुग गई खेत

होते अगर इस जहान में तो

कर लेते प्रायश्चित और खेद
खुद गवाह और खुदा गवाह हैं

चाह के भी आपको बुला ना सके

बनता था जो फर्ज हम निभा ना सके

हो सके तो माफ कर देना मां

कर्मगति ने तो कर दिया हिसाब

हो सके तो आप भी साफ कर देना

 
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Posted by on मई 13, 2022 में # MeeToo, poetry

 

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सोचा कभी ?

सोचा कभी ?

मां का बखान तो खुद खुदा भी नहीं कर सकता हम तो फिर इंसान हैं ..मां तो आखरी सांस तक ममता नहीं छोड़ती ..तो मां को प्यार दिखाने के लिए एक ही दिन क्यूं ? कभी सोचा है ? नहीं सोचा …
तो अब सोचो …

 
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Posted by on मई 8, 2022 में poetry

 
स्थति

क्या समझाएं ?

क्या समझाएं ?

क्या समझाएं ?

कैसे समझाएं ?

नादान जमाने को

बुरे तुम नहीं, ए जमाने वालों !

वक्त बुरा है हमारा

कोई पिछले कर्म बुरे होंगे

बेवजह दर्द नहीं मिलता

 
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Posted by on अप्रैल 17, 2022 में poetry

 

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स्थति

डर सच्चा है

डर सच्चा है

धोखा खाया है इस कदर रिश्तो से

डर लगने लगा है अब तो फरिश्तों से

 
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Posted by on अप्रैल 16, 2022 में fear break 💔, poetry

 

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मां की गुहार

मां की गुहार

मैया तू भी मां , मैं भी मां

एक मां ही मां की जाने रे

ममता जब पीड़ा में होती है

कर मैया संहार पीड़ा का तू

तेरे बिन दाती कहां ठिकाने रे

एक मां की अर्ज मैया से

लगाते अर्जी गुजरे जमाने रे

 
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Posted by on अप्रैल 3, 2022 में poetry

 

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उद्धरण
दिल की कलम#3

सूरत चले जवानी तक सीरत चले बाद भी ।

मोम सा दिल बना ले याद रखें फौलाद भी ।

दिल की कलम#3

 
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Posted by on मार्च 31, 2022 में poetry

 

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दिल की कलम # 2

दिल की कलम # 2

जिंदगी ए जिंदगी !
जिंदगी ओ जिंदगी !
कुछ सुहाने पल मांगे हम तुमसे ।
कल किसने देखा ? आज ही मांगे तुमसे ।

 
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Posted by on मार्च 30, 2022 में poetry

 

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उद्धरण

इतनी मचल गई आज हसरतें ।
अश्क ऐ सैलाब बन बहने लगी ।

दिल की कलम # 1

 
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Posted by on मार्च 29, 2022 में poetry

 

एक जुनून बस @आजादी

एक जुनून बस @आजादी

वतन को सोचे ,वतन ही खोजें ..

वतन ही अपना , वतन ही सपना ….

वतन ही ममता ,वतन ही आशिक।

वतन ही रब ,वतन ही सब ।

वतन दीवाने , वतन से शादी ,

मौत का सेहरा सर पर बांधे

एक ही मंजिल वतन आजादी

बसंती चोला गूंज कण कण में बसा दी

किसी का लाल गोपाल , राखी, किसी का सिंदूर।

एक ही रिश्ता वतनपरस्ती ,नशा, गरूर।

आजादी की अलख जगा दी हजूर ।

हंसते-हंसते जान गवा दी ।

आजाद हिंद का बोया बीज ।

कुर्बानी के लहू से दिया सींच ।

शहादत की मिट्टी पर आजादी का बूटा ।

एक सच* आजादी * बाकी सब झूठा झूठा ।

शहीदो को रजनी का कोटि-कोटि नमन !

जिनके सदके आजाद हिंद ,आजाद चमन ।











		
 
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Posted by on मार्च 28, 2022 में poetry

 

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सदर कैंट जालंधर से संसद तक

सदर कैंट जालंधर से संसद तक

नाम होते हैं व्यक्तित्व के आईने

नाम से ही हम जाते पहचाने

कुछ सोचकर ही नाना जी ने

मामा आपको नाम अशोक दिया होगा ।

कहीं ना कहीं नाना को भी एहसास होगा ।

अशोक चिन्ह की दीवारों गलियारो पर ।

अशोक का कभी न कभी तो वास होगा ।

यूं ही नहीं सदर कैंट से संसद तक जाता कोई

यूं ही नहीं वतन को भाता कोई ।

मेहनत संघर्ष के अंगारों पर चलना पड़ता है ।

सीढ़ी सीढ़ी मंजिलों की ओर कदम बढ़ाना पड़ता है।

बहुत अच्छा लग रहा है मिल रही बधाईया*

बधाई पात्र तो बड़े नाना नानी है ।

लवली के आकाश का वह सितारा है ।

जिसकी रोशनी से फैला उजियारा है ।

सीखे कोई फन मामा ,आपसे मंजिले पाने का ।

शुक्रिया ए खुदा ! ऐसा गौरव दिलाने का ।

जय हिंद ,जय भारती ,जय गणराज्य ।

 
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Posted by on मार्च 26, 2022 में poetry

 

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जल की आवाज

जल की आवाज

मेरी आवाज सुनो

ऐसा अंदाज चुनो

जल बचाओ ॰॰जल बचाओ ॰॰

पुकारने से ना होगा कुछ

मुझे संभालने से ही होगा कुछ

जीने के लिए जरूरी हूं

प्यास बुझाता मैं पूरी हूं

मुझे जाया करके, नादानो !

खुद ही उजड़ जाओगे।

ढूंढे भी ना मिलूंगा मैं ।

बूंद बूंद को तरस जाओगे ।

अभी भी संभल ले, जमाने !

कसम ले मुझे बचाने की।

[विश्व जल दिवस उत्सव] बस

इक कोशिश सोये को जगाने की।

 
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Posted by on मार्च 22, 2022 में poetry

 

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World poetry (कविता) day

World poetry (कविता) day

जब बरसो की पीड़ा ,मन की घुटन ,बचपन की शरारत ,भूख , मजबूरी के तमाशे, दबी हुई सिसकियां ,ठहरे हुए अश्क, कुछ पहेलियां ,कुछ सहेलियां ,कुछ कुछ छूटे हुए साथी, वह किताबें ,वह पाठशाला ,वह कॉलेज ,वह गपशप , बेबसी ,बदहाली बेरोजगारी बेचारापन, कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें ,कुछ ठहरे हुए पल, कुछ रूठे हुए सपने ,रूहे दरवाजे पर दस्तक देते हैं ,ना जाने कब ? कलम उठ जाती है और भर डालती है पन्ने पर पन्ने ,पन्ने पर पन्ने ,कितने ही कविताएं बन जाती हैं ,जज्बात को अल्फाजों में पिरो ,कभी ग़ज़ल, कभी गीत ,कभी कव्वाली ,कभी सूफी ,कभी शेर ,कभी व्यंग्य ,ना जाने कब किताब बन जाती है ! यह लिखने वाले को भी नहीं पता चलता, अगर इसी का नाम कविता है तो हां मैं कविता लिखती हूं, लिखती रहूंगी ::;;;;???+×!

 

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# kashmir files

# kashmir files

ताउम्र घूमती रही हंसी नजारों की तलाश में ..

देख के नजारे पर नैन मेरे भर गये ….

दहशतगर्दी के अंगारे  रूह घायल कर गये 

जन्नत ऐ कश्मीर जेहाद की फांस  में

झुक रहे हैं चिनार पंडित परिवार की आस में

हिंदू  मुस्लिम सिख फिर  से भाई , प्रयास  में 

शांति के गीत गाए फिर से बहारें

फिर से लौट आए बेघर, हारे, बेचारे

जलता जहन्नुम फिर से जन्नत बन जाए।

प्यार की तलाश में , इकरार की तलाश में

अमन की तलाश में, चैन की तलाश में

तलाश में तलाश में *इन्सान की तलाश में ।

गुमशुदा – गमगीन नई पहचान की तलाश में ।

 
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Posted by on मार्च 21, 2022 में # kashmiri files, poetry

 

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Maa Mai aur Bitiya

Maa Mai aur Bitiya

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# रूहें ज़ज्बात

# रूहें ज़ज्बात

रूह है तो जज्बात है ।
ज़ज्बात है तो अल्फाज है ।
अल्फाज है तो आवाज है ।
आवाज भी तो अंदाज है ।

 

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महान नारी मां दुर्गा हमारी

 
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Posted by on मार्च 9, 2022 में poetry

 

holi humjoli

https://wp.me/p2ov1Y-fx

 
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Posted by on मार्च 8, 2022 में poetry

 

महा शक्ति महा नारी मां दुर्गे

महा शक्ति महा नारी मां दुर्गे

भर दे रे मां शक्ति भर दे

तू ही युक्ति , शक्ति  , भक्ति

तेरे बिन मैं हूं अधूरी

तू तो करती आस पूरी

तू आस है विश्वास है

तू आदि अनंत अपार है

तेरी महिमा अपरंपार है

मैं भी नारी तू भी नारी

मन्नत मांगे  नारी संसार

सबको रहमत बरकत दे

हर नारी को शक्ति दे

कोई महिषासुर छू नहीं  पाए

तेरे गुण से खुद को सजाये नारी

हर बार जीते खुशी की पारी

नारी का शौर्य गान विश्व गाये

हर दिन नारी दिवस मनाए

 
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Posted by on मार्च 8, 2022 में poetry

 

सुन सुन सुन बधाई की धुन

गणपति विराजो , लक्ष्मी जी जी भी लाना है ।

मैया आई छम छम टीका लाई दमदम ।

चुनरी लाई चमचम समधन को सजाना है ।

सज धज के समधी जी को रिझाना है ।

सलामत रहे जोड़ी गौरी शंकर कहलाना है ।

भूली बेटी हमको , जब से पाया तुमको ।

धन्य हुए पाकर , पावन आप का घराना है ।

हर दिन होली हो, हर रात जगमगाना है ।

हंसते – बसते रहो , दुआओं का खजाना है।

 

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थाम ले ज़मी! खुदा #

थाम ले ज़मी! खुदा #

ऐ आसमाँ वाले ! दुनिया के रखवाले !
थामे है जैसे सूरज चांद तारे ।
थाम ले , ऐसे ही हमारी ज़मी* को ।
अमन चैन का ( शंखनाद ) हो ।
ना विलाप ना ही विषाद हो ।
शांति प्रेम हो धर्म सबका ।
दिल से दिल का रिश्ता हो ।
इंसान निभाये इंसानियत बस
हर मोड़ पे# दिव्य फ़रिश्ता हो ।

 
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Posted by on फ़रवरी 28, 2022 में poetry

 

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स्थति

अमन से चमन है

अमन से चमन है

जंग तो जंग है इधर या उधर है ।

ढेर पड़े लाशों के खून का सैलाब है ।

बेबसी, तन्हाई ,विलाप चारों ओर

हैवानियत, बेबसी  का जोर है

जीतकर सरहदे…..

क्या पा लेगा इंसान तू ?

सब इधर  ही छूट जाना है

इंसान है तो इंसान बन

मेहरबान – मेहरबान बन

न  हैवान बन, ना शैतान बन

जाना है जो साथ

उससे तू अंजाना है

रहम कर , नादान तू

हैवान से बन इंसान तू

सीमाएं जीतने से बेहतर है

तू जीत  , भुला  रंजिशें

प्यार से सब के गले  मिल

अमन में ही चैन है

अमन का संदेश दे

अमन का  दे परिचय

अमन से ही जिंदगी

अमन से ही बहार है

बाकी सब झूठ है

सच सच केवल ( प्यार ) है ।

 

तेरी मुस्कान मेरा अरमान

तेरी मुस्कान मेरा अरमान

यूं ही मुस्कुराती रहे सदा !

मुस्कुराना भी है मासूम अदा !

तेरी हंसी मेरी जिंदगी है ,

मेरी आरजू है, मेरा अरमान है

जैसे हर मां का होता है

इतना हंसाए जिंदगी

इतना दुलारे बहारें

कभी आंसू भी आएं

तो हंसी के आए खुशी के

आंखें भरे यार ऐ प्यार से

तेरा तन मन महके

छलके-छलके तेरी आंखों से

मेरी लाडो! बिटिया रे # गुड़िया री

@रहमत #नजाकत #बरकत #

#प्यार *ममता # इंसानियत हमेशा ही

 

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प्यार मिले नसीबो से

प्यार मिले नसीबो से

बिना बंधन, बिना चाह, बिना आह निभाएंगे (मोहब्बत) , है वादा खुद से उन्हें चाहने का , ना वादा मांगा हमने उनसे मोहब्बत निभाने का ,ना तुम्हारे प्यार की चाहत है ..इंतजार में..जुदाई में भी एक अलग ही मजा .. ना ही तुम्हारे दीदार की . इकरार की. पुकार की… दिल कहता है… चाहे जा..चाहे जा .. चाहे जा ,चाहे जा, चाहे जा , जरूरी नहीं दिल दूसरी और भी धड़कता हो , पर हमारी तो हर धड़कन में ,हर सांस में तुम ही हो तुम हो , तुम हो.. तुम हो.. तुम हो ..

 
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Posted by on फ़रवरी 15, 2022 में poetry

 

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उद्धरण
Valentine’s Valuation

Valentine not celebration

Show-off of heavy gifts

Valentine ….value of love

valuable partner.. no gifts

chocolate of sweetness

soul to soul kisses

Valentine dinner (soul food )

valentine = purposal of truth

valentine hugs of care

Valentine 🧸 like softness

Valentine 🌹 in pain -gain

💯% 👬each other forever ..

Valentine’s Valuation

 
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Posted by on फ़रवरी 13, 2022 में 💝 valentine, poetry

 

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